हर हर बम बम के नारे से खुश होने वला: भजन (Har Har Bam Bam Ke Nare Se Khush Hone Wala)

हर हर बम बम के नारे से खुश होने वला,
ये है डमरू वाला,
तन पे है भष्मी रमाये पहने मृग की शाला,
ये है डमरू वाला ॥

भांग धतूरा नित ये भोग लगाए,
शीश पे चंद्रा जटा से गंगा बहाये,
आभूशण है जिनके गले सर्पो की माला,
ये है डमरू वाला,
हर हर बम बम के नारे से खुश होने वला,
ये है डमरू वाला ॥

नंदी की सवारी करते संग में माता गौरी है,
भूतो से रिश्ता इनका कहलाते अगोरी है,
विश को पी कर नील कंठ कहलाने वाला,
ये है डमरू वाला,
हर हर बम बम के नारे से खुश होने वला,
ये है डमरू वाला ॥

सोने की लंका देदी रावण को दान में,
बागीरथ को गंगा देदी जग कल्याण में,
खुश हो कर वर बस्मासुर को देने वाला,
ये है डमरू वाला,
हर हर बम बम के नारे से खुश होने वला,
ये है डमरू वाला ॥