किस्मत को मेरी आज, बना क्यों नहीं देते – भजन (Kismat Ko Meri Aaja Bana Kyo Nahi Dete)

किस्मत को मेरी आज,
बना क्यों नहीं देते,
बालक जो समझते हो तो,
अपना जो समझते हो तो,
बता क्यों नहीं देते,
किस्मत को मेरीं आज,
बना क्यों नहीं देते ॥

जब दर पर बुलाया है मुझे,
तुमने भी भोले,
जब अपना बनाया है मुझे,
तुमने भी भोले,
जब दर पर बुलाया है मुझे,
तुमने भी बोले,
हर गम को मेरे आज,
मिटा क्यों नहीं देते,
किस्मत को मेरीं आज,
बना क्यों नहीं देते ॥

हरसोला में तेरा प्रभु,
दरबार है न्यारा,
भटके हुए इंसान को,
दिया तुमने सहारा,
हरसोला में तेरा प्रभु,
दरबार है न्यारा,
बिगड़ी को मेरी आज,
बना क्यों नहीं देते,
किस्मत को मेरीं आज,
बना क्यों नहीं देते ॥

गर तुम ना सुनोगे तो,
मेरी कौन सुनेगा,
ये ‘विशाल’ प्रभु आपकी,
चौखट पर मरेगा,
गर तुम ना सुनोगे तो,
मेरी कौन सुनेगा,
नैया को मेरी पार,
लगा क्यों नहीं देते,
किस्मत को मेरीं आज,
बना क्यों नहीं देते ॥

किस्मत को मेरी आज,
बना क्यों नहीं देते,
बालक जो समझते हो तो,
अपना जो समझते हो तो,
बता क्यों नहीं देते,
किस्मत को मेरीं आज,
बना क्यों नहीं देते ॥