मुझको बसा लो बृजधाम: कृष्ण भजन (Mujhko Basalo Brijdham)

छवि देखी जब प्यारी,
हो गई मैं मतवारी,
भावे ना मुझको कोई काम,
मुझको बसा लो बृजधाम ॥

श्याम नाम की रंग के चुनरिया,
नाचूँ मैं तो बन के जोगनिया,
बावरी सुध बुध हारी,
प्रेम के रोग की मारी,
आये ना दिल को यूँ आराम,
मुझको बसा लो बृजधाम ॥

वृन्दावन सो धाम ना कोई,
राधे जैसो नाम ना कोई,
अर्ज दासी की मानों,
श्याम मुझको अपना लो,
कर दो मेरा भी इंतज़ाम,
मुझको बसा लो बृजधाम ॥
BhaktiBharat Lyrics

निकट तुम्हारे रैन बसेरा,
इससे बड़ा क्या भाग्य हो मेरा,
धुल चरणों की लगा के,
दरश प्रियतम के पाके,
निकले हृदय से मेरे प्राण,
मुझको बसा लो बृजधाम ॥