राम चरण चित लाई रे, भजो राधे गोविंदा – भजन (Ram Charan Chit Lai Re Bhajo Radhe Govinda)

राम चरण चित लाई रे
भजो राधे गोविंदा

राम चरण चित लाई रे भजो
राधे गोविंदा

भक्तों के सुखदाई रे
भजो राधे गोविंदा

जब मारा तब तब तारा
भक्तों को तो प्रभु तेरा ही सहारा

जब मारा तब तब तारा
भक्तों को तो प्रभु तेरा ही सहारा

श्याम हो चाहे रघुराई रे
भजो रे राधे गोविंदा

राम चरण चित लाई रे
भजो राधे गोविंदा

राम चरण चित लाई रे
भजो राधे गोविंदा

भक्तों के सुखदाई रे
भजो राधे गोविंदा

एक अयोध्या धाम में आया
एक मथुरा का भाग बड़ाया

एक अयोध्या धाम में आया
एक मथुरा का भाग बड़ाया

एक अयोध्या धाम में आया
एक मथुरा का भाग बड़ाया

भारत को देनी है बाड़ाई रे
भारत को देनी है बाड़ाई रे

भजो राधे गोविंदा
राम चरण चित लाई रे

भजो राधे गोविंदा
राम चरण चित लाई रे

भक्तन के सुखदाई रे
भजो राधे गोविंदा

भक्तों के सुखदाई रे
भजो राधे गोविंदा

सरयू किनारे एक धनुआ चलावे
यमुना एक किनारे धेनु चराये

सरयू किनारे एक धनुआ चलावे
यमुना एक किनारे धेनु चराये

उभय जगत के साईं रे
भजो राधे गोविंदा

राम चरण चित लायी रे
भजो राधे गोविंदा

भक्तन के सुखदाई रे
भजो राधे गोविंदा

जन प्रहलाद को हरि ने बचाया
अर्जुन को सत ज्ञान सिखाया

जन प्रहलाद को हरि ने बचाया
अर्जुन को सत ज्ञान सिखाया

जन प्रहलाद को हरि ने बचाया
अर्जुन को सत ज्ञान सिखाया

हर विधि लीनी अपनाई रे
सब विधि लीनी अपनाई रे
राम चरण चित लायी रे
भजो राधे गोविंदा

भक्तों के सुखदाई रे
भजो राधे गोविंदा

जो जन गव्य सब कुछ पावये
अंत समय प्रभु उर्र को जावये

जो जन गव्य सब कुछ पावये
अंत समय प्रभु उर्र को जाव्य

जो जन गव्य सब कुछ पावये
अंत समय प्रभु उर को जावे

मैंने भी नेह लगाई रे
भजो
राधे गोविंदा

राम चरण चित लाई रे
भजो राधे गोविंदा

राम चरण चित लाई रे
भजो राधे गोविंदा

भक्तन के सुखदाई रे
भजो राधे गोविंदा

भक्तन के सुखदाई रे
भजो राधे गोविंदा

प्रेम से बोलो जय सिया राम
श्री अवध में जय सिया राम
सरयू किनारे जय सिया राम
सरयू किनारे जय सिया राम
सरयू किनारे जय सिया राम
भक्तों के संग जय सिया राम
संतान के संग जय सिया राम
सब संतान संगी जय सिया राम

जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम
जय जय श्री सीता राम

राम चरण चित लाई रे
भजो राधे गोविंदा
राम चरण चित लाई रे
भजो राधे गोविंदा