आरती: भगवान श्री शीतलनाथ जी (Arti Bhagwan Shri Sheetalnath Ji)

ॐ जय शीतलनाथ स्वामी,स्वामी जय शीतलनाथ स्वामी।घृत दीपक से करू आरती,घृत दीपक से करू आरती।तुम अंतरयामी,ॐ जयशीतलनाथ स्वामी॥॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥ भदिदलपुर में जनम लिया प्रभु,दृढरथ पितु नामी,दृढरथ पितु नामी।मात सुनन्दा के नन्दा तुम,शिवपथ के स्वामी॥॥ ॐ जय शीतलनाथ स्वामी…॥ जन्म समय इन्द्रो ने,उत्सव खूब किया,स्वामी उत्सव खूबकिया ।मेरु सुदर्शन ऊपर,अभिषेक खूब किया॥॥ ॐ … Read more

धर्मराज आरती – धर्मराज कर सिद्ध काज (Dharmraj Ki Aarti – Dharmraj Kar Siddh Kaaj)

धर्मराज कर सिद्ध काज,प्रभु मैं शरणागत हूँ तेरी ।पड़ी नाव मझदार भंवर में,पार करो, न करो देरी ॥॥ धर्मराज कर सिद्ध काज..॥ धर्मलोक के तुम स्वामी,श्री यमराज कहलाते हो ।जों जों प्राणी कर्म करत हैं,तुम सब लिखते जाते हो ॥ अंत समय में सब ही को,तुम दूत भेज बुलाते हो ।पाप पुण्य का सारा लेखा,उनको … Read more

धर्मराज आरती – ॐ जय धर्म धुरन्धर (Dharmraj Ki Aarti – Om Jai Dharm Dhurandar)

ॐ जय जय धर्म धुरन्धर,जय लोकत्राता ।धर्मराज प्रभु तुम ही,हो हरिहर धाता ॥ जय देव दण्ड पाणिधर यम तुम,पापी जन कारण ।सुकृति हेतु हो पर तुम,वैतरणी ताराण ॥2॥ न्याय विभाग अध्यक्ष हो,नीयत स्वामी ।पाप पुण्य के ज्ञाता,तुम अन्तर्यामी ॥3॥ दिव्य दृष्टि से सबके,पाप पुण्य लखते ।चित्रगुप्त द्वारा तुम,लेखा सब रखते ॥4॥ छात्र पात्र वस्त्रान्न क्षिति,शय्याबानी … Read more

श्री सूर्य देव – ऊँ जय कश्यप नन्दन। (Shri Surya Dev Jai Kashyapa Nandana)

ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥॥ ऊँ जय कश्यप…॥ सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥॥ ऊँ जय कश्यप…॥ सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥॥ ऊँ जय कश्यप…॥ सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥॥ ऊँ जय कश्यप…॥ कमल समूह विकासक, … Read more

आरती: श्री शनिदेव – जय जय श्री शनिदेव (Shri Shani Dev Ji)

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ मोदक मिष्ठान पान … Read more

श्री सूर्य देव – जय जय रविदेव (Shri Surya Dev – Jai Jai Ravidev)

जय जय जय रविदेव,जय जय जय रविदेव ।रजनीपति मदहारी,शतलद जीवन दाता ॥ पटपद मन मदुकारी,हे दिनमण दाता ।जग के हे रविदेव,जय जय जय स्वदेव ॥ नभ मंडल के वाणी,ज्योति प्रकाशक देवा ।निजजन हित सुखराशी,तेरी हम सब सेवा ॥ करते हैं रविदेव,जय जय जय रविदेव ।कनक बदन मन मोहित,रुचिर प्रभा प्यारी ॥ नित मंडल से मंडित,अजर … Read more

श्री गौरीनंदन की आरती (Gouri Nandan Ki Aarti)

ओम जय गौरी नन्दन, प्रभु जय गौरी नंदनगणपति विघ्न निकंदन, मंगल नि:स्पन्दनओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन ऋषि सिद्धियाँ जिनके, नित ही चवर करेकरिवर मुख सुखकारक, गणपति विध्न हरेओम जय गौरी नन्दन प्रभु जय गौरी नंदन देवगणो मे पहले तव पूजा होतीतव मुख छवि भक्तो के दुख दारिद खोतीओम जय गौरी नन्दन प्रभु … Read more

जय हो जय जय है गौरी नंदन – आरती (Jai Ho Jai Jai He Gauri Nandan)

जय हो जय जय है गौरी नंदनदेवा गणेशा गजाननचरणों को तेरे हम पखारतेहो देवा आरती तेरी हम उतारते शुभ कार्यो में सबसे पहलेतेरा पूजन करतेविघ्न हटाते काज बनातेसभी अमंगल हरतेओ देवा सिद्धि और सिद्धि बाटेचुनते राहो के काटेखुशियों के रंग को बिखारतेहो देवा आरती तेरी हम उतारते जय हो जय जय है गौरी नंदनदेवा गणेशा … Read more

संकटा माता आरती (Sankata Mata Aarti)

जय जय संकटा भवानी,करहूं आरती तेरी ।शरण पड़ी हूँ तेरी माता,अरज सुनहूं अब मेरी ॥जय जय संकटा भवानी..॥ नहिं कोउ तुम समान जग दाता,सुर-नर-मुनि सब टेरी ।कष्ट निवारण करहु हमारा,लावहु तनिक न देरी ॥जय जय संकटा भवानी..॥ काम-क्रोध अरु लोभन के वशपापहि किया घनेरी ।सो अपराधन उर में आनहु,छमहु भूल बहु मेरी ॥जय जय संकटा … Read more

एकादशी माता की आरती (Ekadashi Mata Ki Aarti)

ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता।विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी।गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी॥ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी।शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई॥ॐ जय एकादशी…॥ पौष के कृष्णपक्ष की, सफला … Read more