श्री सूर्य देव – ऊँ जय सूर्य भगवान (Shri Surya Dev Om Jai Surya Bhagwan)

ऊँ जय सूर्य भगवान,जय हो दिनकर भगवान ।जगत् के नेत्र स्वरूपा,तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।धरत सब ही तव ध्यान,ऊँ जय सूर्य भगवान ॥॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥ सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,श्वेत कमलधारी ।तुम चार भुजाधारी ॥अश्व हैं सात तुम्हारे,कोटी किरण पसारे ।तुम हो देव महान ॥॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥ ऊषाकाल में जब तुम,उदयाचल … Read more

श्री कुबेर जी आरती – जय कुबेर स्वामी (Shri Kuber Aarti, Jai Kuber Swami)

जय कुबेर स्वामी,प्रभु जय कुबेर स्वामी,हे समरथ परिपूरन ।हे समरथ परिपूरन ।हे अन्तर्यामी ॥ॐ जय कुबेर स्वामीप्रभु जय कुबेर स्वामी.. जय कुबेर स्वामी,प्रभु जय कुबेर स्वामी,हे समरथ परिपूरन । -x2हे अन्तर्यामी ।ॐ जय कुबेर स्वामीप्रभु जय कुबेर स्वामी.. विश्रवा के लाल इदविदा के प्यारे,माँ इदविदा के प्यारे,कावेरी के नाथ हो । -x2शिवजी के दुलारे ।ॐ जय … Read more

आरती: ॐ जय महावीर प्रभु (Om Jai Mahavir Prabhu)

ॐ जय महावीर प्रभु,स्वामी जय महावीर प्रभु ।कुण्डलपुर अवतारी,चांदनपुर अवतारी,त्रिशलानंद विभु ॥ सिध्धारथ घर जन्मे,वैभव था भारी ।बाल ब्रह्मचारी व्रत,पाल्यो तप धारी ॥॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ आतम ज्ञान विरागी,सम दृष्टि धारी ।माया मोह विनाशक,ज्ञान ज्योति जारी ॥॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ जग में पाठ अहिंसा,आप ही विस्तारयो ।हिंसा पाप मिटा कर,सुधर्म परिचारियो ॥॥ॐ जय महावीर प्रभु…॥ … Read more

आरती कुंजबिहारी की (Aarti Kunj Bihari Ki)

आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ गले में बैजंती माला,बजावै मुरली मधुर बाला ।श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलाला ।गगन सम अंग कांति काली,राधिका चमक रही आली ।लतन में ठाढ़े बनमालीभ्रमर सी अलक,कस्तूरी तिलक,चंद्र सी झलक,ललित छवि श्यामा प्यारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ … Read more

माँ सरस्वती जी – आरती (Maa Saraswati Ji)

जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता ॥जय जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी ।सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी ॥जय जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला ।शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला ॥जय जय सरस्वती माता…॥ देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया ।पैठी मंथरा दासी,रावण संहार किया ॥जय जय … Read more

श्री कुबेर आरती (Shri Kuber Aarti)

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे ।॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे,स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।योगिनी … Read more

विश्वकर्मा आरती (Vishwakarma Aarti)

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा ।सकल सृष्टि के करता,रक्षक स्तुति धर्मा ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा । आदि सृष्टि मे विधि को,श्रुति उपदेश दिया ।जीव मात्र का जग में,ज्ञान विकास किया ॥ जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,जय श्री विश्वकर्मा । ऋषि अंगीरा तप से,शांति नहीं पाई ।ध्यान किया जब प्रभु का,सकल सिद्धि आई … Read more

श्री चित्रगुप्त जी की आरती – श्री विरंचि कुलभूषण (Shri Chitragupt Aarti – Shri Viranchi Kulbhusan)

श्री विरंचि कुलभूषण,यमपुर के धामी ।पुण्य पाप के लेखक,चित्रगुप्त स्वामी ॥ सीस मुकुट, कानों में कुण्डल,अति सोहे ।श्यामवर्ण शशि सा मुख,सबके मन मोहे ॥ भाल तिलक से भूषित,लोचन सुविशाला ।शंख सरीखी गरदन,गले में मणिमाला ॥ अर्ध शरीर जनेऊ,लंबी भुजा छाजै ।कमल दवात हाथ में,पादुक परा भ्राजे ॥ नृप सौदास अनर्थी,था अति बलवाला ।आपकी कृपा द्वारा,सुरपुर … Read more

श्री चित्रगुप्त स्तुति (Shri Chitragupt Stuti)

जय चित्रगुप्त यमेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ।जय पूज्यपद पद्मेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय देव देव दयानिधे,जय दीनबन्धु कृपानिधे ।कर्मेश जय धर्मेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय चित्र अवतारी प्रभो,जय लेखनीधारी विभो ।जय श्यामतम, चित्रेश तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ पुर्वज व भगवत अंश जय,कास्यथ कुल, अवतंश जय ।जय शक्ति, बुद्धि विशेष तव,शरणागतम् शरणागतम् ॥ जय विज्ञ क्षत्रिय धर्म के,ज्ञाता … Read more

सन्तोषी माता आरती (Santoshi Mata Aarti)

जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ।अपने सेवक जन की,सुख सम्पति दाता ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ सुन्दर चीर सुनहरी,मां धारण कीन्हो ।हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार लीन्हो ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता ॥ गेरू लाल छटा छबि,बदन कमल सोहे ।मंद हंसत करुणामयी,त्रिभुवन जन मोहे ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी … Read more