श्री सिद्धिविनायक आरती: जय देव जय देव (Shri Siddhivinayak Aarti: Jai Dev Jai Dev)

श्री सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई का सबसे प्रसिद्ध भगवान श्री गणेश मंदिर है, यहाँ होने वाली पूर्ण आरती मे श्री गणेश की विभिन्न स्तुतियाँ, भगवान शिव एवं देवी दुर्गा की स्तुतियाँ भी जुड़ी हैं। सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ।नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ।कंठी झलके माल मुकताफळांची ।जय देव जय देव.. … Read more

पंच परमेष्ठी आरती (Panch Parmeshthi Aarti)

इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ।इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ पहली आरति श्रीजिनराजा,भव दधि पार उतार जिहाजा ।इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ दूसरी आरति सिद्धन केरी,सुमिरन करत मिटे भव फेरी ।इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ तीजी … Read more

आरती श्री वृषभानुसुता – राधा आरती (Radha Aarti: Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥ त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,विमल विवेकविराग विकासिनि ।पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥ मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥ संतत सेव्य सत मुनि जनकी,आकर … Read more

श्री सत्यनारायण जी आरती (Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti)

जय लक्ष्मी रमणा,स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।सत्यनारायण स्वामी,जन पातक हरणा ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा,स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । रत्‍‌न जडि़त सिंहासन,अद्भुत छवि राजै ।नारद करत निराजन,घण्टा ध्वनि बाजै ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा,स्वामी जय लक्ष्मी रमणा । प्रकट भये कलि कारण,द्विज को दर्श दियो ।बूढ़ा ब्राह्मण बनकर,कंचन महल कियो ॥ ॐ जय लक्ष्मी रमणा,स्वामी … Read more

जानकी माता आरती (Janaki Mata Aarti)

आरती कीजै श्रीजनक लली कीदेवी जानकी की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती देवी सीता से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है। ॥ जानकी माता आरती ॥आरती कीजै श्रीजनक लली की।राममधुपमन कमल कली की॥ आरती कीजै श्रीजनक लली की…॥ रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी।अन्तर साँवर बाहर गोरी।सकल सुमन्गल सुफल फली की॥ आरती … Read more

श्री गंगा आरती (Shri Ganga Aarti)

॥ श्री गंगा मैया आरती ॥नमामि गंगे ! तव पाद पंकजम्,सुरासुरैः वंदित दिव्य रूपम् ।भक्तिम् मुक्तिं च ददासि नित्यं,भावानुसारेण सदा नराणाम् ॥ हर हर गंगे, जय माँ गंगे,हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥ ॐ जय गंगे माता,श्री जय गंगे माता ।जो नर तुमको ध्याता,मनवांछित फल पाता ॥ चंद्र सी जोत तुम्हारी,जल निर्मल आता ।शरण … Read more

अम्बे तू है जगदम्बे काली: माँ दुर्गा, माँ काली आरती (Maa Durga Maa Kali Aarti)

माँ दुर्गे का साप्ताहिक दिन शुक्रवार, दोनों नवरात्रि, अष्टमी, माता की चौकी एवं जगराते में सबसे अधिक गाई जाने वाली आरती। अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली ।तेरे ही गुण गाये भारती,ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती ॥ तेरे भक्त जनो पर,भीर पडी है भारी माँ ।दानव दल पर टूट पडो,माँ करके … Read more

श्रीदेवीजी की आरती – जगजननी जय! जय (Shri Deviji Ki Aarti – Jaijanani Jai Jai)

जगजननी जय! जय!!माँ! जगजननी जय! जय!!भयहारिणि, भवतारिणि,माँ भवभामिनि जय! जय ॥जगजननी जय जय..॥ तू ही सत-चित-सुखमय,शुद्ध ब्रह्मरूपा ।सत्य सनातन सुन्दर,पर-शिव सुर-भूपा ॥जगजननी जय जय..॥ आदि अनादि अनामय,अविचल अविनाशी ।अमल अनन्त अगोचर,अज आनँदराशी ॥जगजननी जय जय..॥ अविकारी, अघहारी,अकल, कलाधारी ।कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि,हर सँहारकारी ॥जगजननी जय जय..॥ तू विधिवधू, रमा,तू उमा, महामाया ।मूल प्रकृति विद्या तू,तू … Read more

विन्ध्येश्वरी आरती: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी (Sun Meri Devi Parvat Vasani)

भक्त इन पंक्तियां को स्तुति श्री हिंगलाज माता और श्री विंध्येश्वरी माता की आरती के रूप मे प्रयोग करते हैं: सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल ।ले तेरी भेंट चढ़ायो माँ ॥सुन मेरी देवी पर्वतवासनी ।कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे ।केसर तिलक लगाया … Read more

अहोई माता आरती (Ahoi Mata Aarti)

जय अहोई माता,जय अहोई माता ।तुमको निसदिन ध्यावत,हर विष्णु विधाता ॥ॐ जय अहोई माता ॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला,तू ही है जगमाता ।सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय अहोई माता ॥ माता रूप निरंजन,सुख-सम्पत्ति दाता ।जो कोई तुमको ध्यावत,नित मंगल पाता ॥ॐ जय अहोई माता ॥ तू ही पाताल बसंती,तू ही है शुभदाता ।कर्म-प्रभाव प्रकाशक,जगनिधि से … Read more