श्री शांतादुर्गेची आरती (Shri Shanta Durgechi Aarti)

जय देवी जय देवी जय शांते जननी ।दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥ भूकैलासा ऐसी ही कवला नगरी ।शांतादुर्गा तेथे भक्तभवहारी ।असुराते मर्दुनिया सुरवरकैवारी ।स्मरती विधीहरीशंकर सुरगण अंतरी । जय देवी जय देवी जय शांते जननी ।दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥ प्रबोध तुझा नव्हे विश्वाभीतरी ।नेति नेति शब्दे गर्जती पै चारी ।साही शास्त्रे मथिता … Read more

ओम जय कैला रानी – कैला माता आरती (Om Jai Kaila Rani, Kaila Mata Aarti)

ॐ जय कैला रानी,मैया जय कैला रानी ।ज्योति अखंड दिये माँतुम सब जगजानी ॥ तुम हो शक्ति भवानीमन वांछित फल दाता ॥मैया मन वांछित फल दाता ॥अद्भुत रूप अलौकिकसदानन्द माता ॥ॐ जय कैला रानी। गिरि त्रिकूट पर आपबिराजी चामुंडा संगा ॥मैया चामुंडा संगा ॥भक्तन पाप नसावौंबन पावन गंगा ॥ॐ जय कैला रानी। भक्त बहोरा द्वारे … Read more

वैष्णो माता आरती (Vaishno Mata Aarti)

जय वैष्णवी माता,मैया जय वैष्णवी माता ।हाथ जोड़ तेरे आगे,आरती मैं गाता ॥॥ जय वैष्णवी माता..॥ शीश पे छत्र विराजे,मूरतिया प्यारी ।गंगा बहती चरनन,ज्योति जगे न्यारी ॥॥ जय वैष्णवी माता..॥ ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे,शंकर ध्यान धरे ।सेवक चंवर डुलावत,नारद नृत्य करे ॥॥ जय वैष्णवी माता..॥ सुन्दर गुफा तुम्हारी,मन को अति भावे ।बार-बार देखन को,ऐ … Read more

माँ कालरात्रि की आरती – कालरात्रि जय महाकाली (Mata Kalratri Ki Aarti)

नवरात्रि के सातवें दिन माँ दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है, माँ कालरात्रि की यह अत्यंत महत्वपूर्ण आरती के लिरिक्स कुछ इस प्रकार से हैं। कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।काल के मुह से बचाने वाली ॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।महाचंडी तेरा अवतार ॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा ।महाकाली है तेरा पसारा ॥ … Read more

श्री झूलेलाल आरती- ॐ जय दूलह देवा (Shri Jhulelal Om Jai Doolah Deva)

चेटी चंड जैसे त्यौहारों तथा सिंधी समाज के अन्य कार्यक्रमों में सबसे ज्यादा गाई जाने वाली आरती। भगवान झूलेलाल के प्रत्येक मंदिर में यह आरती सुवह-शाम अवश्य गायी जाती है। भगवान झूलेलाल को लाल साई, उदेरो लाल, वरुण देव, दूलह लाल, दरिया लाल और जिंदा पीर भी कहा जाता है। ॐ जय दूलह देवा,साईं जय … Read more

चन्द्र देव आरती (Chandra Dev Aarti)

ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी । रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी ।दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी । जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि । योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा । वेद … Read more

श्री नाथ जी की संध्या आरती – गोरखनाथ मठ (Shri Nathji Sandhya Aarti – Gorakhnath Math)

श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की संध्या आरतीऊँ गुरुजी शिव जय जय गोरक्ष देवा। श्री अवधू हर हर गोरक्ष देवा ।सुर नर मुनि जन ध्यावत, सुर नर मुनि जन सेवत ।सिद्ध करैं सब सेवा, श्री अवधू संत करैं सब सेवा ।शिव जय जय गोरक्ष देवा ॥ ऊँ गुरुजी योग युगति कर जानत मानत ब्रह्म ज्ञानी ।श्री … Read more

श्री नाथ जी की मंगल आरती – गोरखनाथ मठ (Shri Nathji Mangal Aarti – Gorakhnath Math)

जय गोरख योगी (श्री गुरु जी) हर हर गोरख योगी ।वेद पुराण बखानत, ब्रह्मादिक सुरमानत, अटल भवन योगी ।ऊँ जय गोरख योगी ॥ बाल जती ब्रह्मज्ञानी योग युक्ति पूरे (श्रीगुरुजी) योग युक्ति पूरे ।सोहं शब्द निरन्तर (अनहद नाद निरन्तर) बाज रहे तूरे ।ऊँ जय गोरख योगी ॥ रत्नजड़ित मणि माणिक कुण्डल कानन में (श्री गुरुजी) … Read more

आरती: माँ महाकाली (Aarti: Maa Maha Kali)

जय काली माता, माँ जय महा काली माँ।रतबीजा वध कारिणी माता।सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥ दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि।मधु और कैितभा नासिनी माता।महेशासुर मारदिनी, ओ माता जय महा काली माँ॥ हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्ठि।काल विनासिनी काली माता।सुरंजना सूख दात्री हे माता॥ अननधम वस्तराँ दायनी माता … Read more

श्री बद्रीनाथजी की आरती (Shri Badrinath Aarti)

पवन मंद सुगंध शीतल,हेम मंदिर शोभितम् ।निकट गंगा बहत निर्मल,श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥ शेष सुमिरन करत निशदिन,धरत ध्यान महेश्वरम् ।वेद ब्रह्मा करत स्तुति,श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् ॥॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥ शक्ति गौरी गणेश शारद,नारद मुनि उच्चारणम् ।जोग ध्यान अपार लीला,श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम् ॥॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥ इंद्र चंद्र कुबेर धुनि कर,धूप दीप प्रकाशितम् ।सिद्ध … Read more